शराब हमारे शरीर मे किस प्रकार प्रभाव डालती है, और हमारे शरीर मे किस प्रकार फैलती है इसपर एक नजर डाल लेते है
जैसे ही शराब पीते है , यह जल्दी ही हमारे मस्तिष्क , किडनी, फेफड़े और लिवर मे पहुच जाती है , औसतन एक यूनिट शराब को पचाने मे लिवर को एक घंटे लगते है , यह शराब पीने वाले व्यक्ति के वजन, उम्र, लिंग,भोजन की स्थिति आदि पर निर्भर करता है |
वजन : अगर वजन कम है तो शराब का असर जल्दी होना शुरू हो जाता है , क्यूकी शराब को शोषित करने के लिए कोशिकाए कम होती है
उम्र : बच्चे या किशोर का वजन कम होता है इसलिए उनपर शराब का असर उनपर जायदा जल्दी होता है , उनका मस्तिष्क और शरीर का विकास हो रहा होता है इसलिए उनको नुकसान होने की जायदा संभावना होती है और बहुत कम मात्रा मे शराब भी उनको नुकसान पहुचा सकती है |
उम्रदराज होने पर हमारे शरीर मे वसा बढ़ जाता है और जल की मात्रा कम होने लगता है | अगर व्यक्ति उतना ही शराब पीता है जितना वो जवानी मे पीता था तो उसका शरीर और मन पर अधिक बुरा प्रभाव पड़ता है | उसे पक्षाधात , हृदय रोग, कैंसर ,अवसाद आदि बीमारिया होने की संभावना बढ़ जाती है
लिंग
स्त्रियो पर शराब का असर पुरुषो से अधिक तेजी से होता है , क्यूकी आम तौर पर स्त्रियो की उचाई और वजन पुरुषो से कम होता है जिस कारण उनमे उत्तकों की मात्रा कम होती है |
स्त्री के शरीर मे पुरुषो की तुलना मे अधिक वसा और कम पानी होता है | अगर स्त्री और पुरुष बराबर ऊंचाई और वजन हो साथ ही अगर वो बराबर शराब पीते है तो भी अल्कोहल की मात्रा स्त्री के रक्त मे अधिक पाया जाएगा और उसका असर भी अधिक समय तक रहेगा | स्त्री पर शराब का असर जल्दी और जादा समय तक रहता है , क्यूकी उनके शरीर मे एंजाइम की मात्रा कम होती है जो शराब तो हजम करने मे सहायता करते है |
स्त्री पर मासिक धर्म के दौरान शराब का असर जल्दी होता है लेकिन अगर वो गर्भनिरोधक दवाई ले रही है तो उसका असर उल्टा होता है और शराब अपना असर दिखाने मे अधिक समय ले सकता है जिस कारण संभावना बनती है कि वो अधिक शराब पी ले |
पेट पर असर
हमारे रक्त मे 20 प्रतिशत शराब पेट के माध्यम से पहुचती है और बाकी 80 प्रतिशत छोटी आंतों के माध्यम से रक्त मे पहुचता है | कम मात्रा मे शराब पीने पर भूख अधिक लगने कि संभावना रहती है क्यूकी पाचन रसो का श्राव अधिक हो जाता है | जायदा शराब पीने पर भूख को कम कर सकती है और कुपोषण कि संभावना बढ़ सकती है | अधिक मात्रा मे शराब पीने पर पेट मे अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती क्यूकी शराब , पाचन रसो के साथ मिल कर पेट के अंदर घाव उत्पन्न कर सकते है |
रक्त वाहनियों पर असर
जब शराब हमारी रक्त वाहनियों मे प्रवेश करता है तो रक्त वाहनियाँ फैल जाती है , जिसके कारण निम्न घटित होता है :
- रक्त का प्रवाह त्वचा के निकट अधिक बढ़ जाता है जिस वजह से त्वचा अधिक लाल दिखने लगती है
- अस्थाई रूप से तापमान बढ़ जाता है
- उसके पश्चात शरीर का तापमान घटता है
- रक्तचाप कम हो जाता है
किडनी
शराब मूत्रल होती है और मूत्र के उत्सर्जन की मात्रा बढ़ जाता है , जब आदमी शराब पीते है तो अधिक मूत्रविसर्जन होता है जिस वजह से प्यास अधिक लगती है और निर्जलीकरण की संभावना बढ़ जाती है |
लीवर
जब आप शराब पीते है तो लीवर शराब का 95 प्रतिशत ऑक्सीकरण कर देता है | लीवर शराब को पानी और कार्बन मोनो ऑक्साइड मे परिवर्तित कर देती है | ध्यान देने वाली बात यह है कि लीवर शराब का एक यूनिट , एक घंटे मे ऑक्सीकरण कर पाता है | हमारा लिवर जब भी शराब को पचाता है तो कुछ उसके कुछ सेल खत्म हो जाते है , यह और बात है लिवर पुनः नए सेल बना लेता है | अधिक समय तक शराब का सेवन करने से पहले फैटी लिवर हो जाता है , और लिवर के कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है |
भरे पेट या खाली पेट
खाली पेट शराब पीने से अल्कोहल सीधे ही रक्तप्रवाह से मिल जाती है और नशा जल्दी होने लगता है अगर खाना खाया हो तो अल्कोहल का अवशोषण धीरे होता है परंतु रुकता नहीं है | शराब मे अगर पानी या जूस मिला है तो धीरे धीरे अवशोषण होता है, अगर सोडा आदि के साथ पीते है तो जल्दी अवशोषण होता है |